बेंगलुरु। कर्नाटक के सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी मंत्री प्रियांक खड़गे ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए भाजपा विधायक यतनाल के पार्टी से निष्कासित करने समेत कई सवालों के जवाब दिए।
बेंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे ने भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल के पार्टी से निकाले जाने के सवाल पर कहा कि यह भाजपा का अंदरूनी मामला है। यतनाल जो कह रहे हैं, वह यह है कि वे भ्रष्टाचार और वंशवाद की राजनीति के खिलाफ बोल रहे थे, और उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है।
कर्नाटक के मंत्री केएन राजन्ना का कहना है कि उन्हें हनीट्रैप मामले में फंसाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने शिकायत दर्ज कराई है। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि शिकायत के आधार पर मामले की जांच होनी चाहिए और उन्हें न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेता, राज्य भाजपा नेता और फिर कांग्रेस नेता भी हनी ट्रैप में फंस गए हैं। उन्होंने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि केंद्रीय नेताओं सहित 48 नेता इसमें शामिल हैं।
सीएम योगी के बयान कि हिंदी से नफरत मत करो पर प्रियांक खड़गे ने कहा कि मुझे कन्नड़, अंग्रेजी, तमिल और तेलुगु आती है, और मैं सीएम योगी से हिंदी में भी बात कर सकता हूं। यूपी और एमपी से लोग कर्नाटक आते हैं और यहां अपनी जिंदगी चलाने की कोशिश करते हैं। हम उनका स्वागत करते हैं। आप उन्हें वहां पर्याप्त संसाधन नहीं दे पाते, इसलिए वे यहां आते हैं। अब आप खुद से पूछें कि आपको कितनी भाषाएं आती हैं। हम यह नहीं कह रहे कि हम हिंदी के खिलाफ हैं, लेकिन आप दूसरी भाषाओं के खिलाफ क्यों हैं?
कर्नाटक में आरक्षण पर उन्होंने कहा कि आंतरिक आरक्षण के बारे में सुप्रीम कोर्ट का रुख बहुत स्पष्ट है। यह राज्य का विषय है और जो भी आरक्षण दिया जाता है, वह अनुभवजन्य आंकड़ों के आधार पर दिया जाना चाहिए और न्यायालय के अनुसार यह जनगणना के आधार पर किया जाता है। यदि सिफारिश सर्वेक्षण करने या जनगणना में जोड़ने की है तो हम यह सुनिश्चित करेंगे और प्रक्रिया सरकार द्वारा निर्धारित की जाएगी।